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Showing posts from February, 2018

स्वस्थ रहने के नियम

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🍃जीवन भर स्वस्थ रहने के नियम🍃 👆1-सुबह उठ कर सबसे पहले2-3गिलास हल्का गर्म पानी घूट घूट करके पीयें । 👆2-पानी हमेशा नीचे बैठ कर पीयें।खड़े होकर कभी नही पीयें 👆3-दिन भर खूब पानी पीयें 👆4-खाना भी नीचे बैठ कर खूब चबा चबा कर खाएं। 👆5-खाने के तुरन्त बाद पानी ना पीयें ।डेढ़ घण्टे बाद ही पीयें 👆6-सूरज के उदय होने के ढाई घण्टे तक जी भर के खाना खाएं।दोपहर को कम व रात को बिल्कुल कम खाना खाएं 👆7-खाने का समय निश्चित करें। 👆8-खाना खड़े होकर ना खाएं ।खड़े होकर खाने से जठराग्नि बहुत धीमी पड़ जाती है ।खाना पचता नही, सड़ता है जो बहुत सारे रोग उतपन्न करता है 9-विरुद्ध भोजन कभी नहीं करें विरुद्ध बोले तो-दूध के साथ नमक वाली कोई चीज।दूध-दही, दूध-प्याज,उडद दाल्-दही,दही-लहसुन,आदि एक साथ नही खाने चाहियें। 👆10-रात को कभी भी खट्टे फल,आचार ,टमाटर,प्याज,लस्सी,दही नहीं खाने चाहियें 👆11-फल हमेशा दिन मे ही खाएं 👆12-सुबह खाने के साथ जूस ,दोपहर को लस्सी/छाछ ,रात को दूध ले सकते हैं पानी कभी नहीं। 👆13-फ्रिज से निकली हुई कोई भी चीज ना खाएं। 👆14-ठंडे पेय पदार्थ-पेप्सी कोक लिम्का कुल्फी आइसक्रीम...

शरीर के संकेतों को न करें अनदेखा

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शरीर के संकेतो को अनदेखा ना करें हमारा शरीर खुद एक डॉक्टर होता हैं। हर आने वाली बीमारी या शरीर में होने वाले परिवर्तन को वो खुद बता देता हैं लेकिन हम शरीर के इन संकेतों को अनदेखा कर देते हैं। अगर हम अपने शरीर के इन संकेतों को वक्त रहते समझ जाएं तो बहुत सी बीमारियों का सही समय पर इलाज करा सकते हैं। जैसे कुछ के बारे में मैं यहाँ जानकारी दे रही हूँ- • जीभ पर सफेद या भूरे रंग का मैल जमना पेट की खराबी को बताता है। • निमोनिया, प्लूरिसी आदि रोग में नाक के नथुने तेजी से फड़कते हैं। • अधिक थकावट या पुराने कब्ज में आखों के नीचे कालापन आ जाता है। • कमजोरी, खून की कमी, ल्यूकोरिया (श्वेत-प्रदर) आदि में आंखों के चारों तरफ कालापन आ जाता है। • किडनी के कार्य में रुकावट आने पर आंखों के नीचे सूजन आ जाती है। • बुखार आने पर होठों के कोने पर सफेद छाले हो जाते हैं। • पीरियड्स कम आने पर गालों पर झाइयां हो जाती हैं। • फेफड़ों (lungs) में इन्फेक्शन होने पर गाल लाल हो जाते हैं। • टायफाइड में शाम को शरीर का तापमान एक डिग्री बढ़ जाता है। • पेट में कीड़े होने पर बच्चे सोते समय दांत किटकिटाते है...

सेंधा नमक के फायदे

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सेंधा नमक के फायदे >> इंसान के शरीर के लिए नमक बेहद जरूरी है। आजकल के आयोडीनयुक्त नमक से कई ज्यादा अच्छा है सेंधा नमक। यह शरीर की कोशिकाओं के द्वारा अच्छे से पच जाता है। सेंधा नमक में 65 प्रकार के प्राकृतिक खनिज तत्व पाए जाते हैं। इसलिए यह कई जानलेवा बीमारियों से बचाता है। वैदिक वाटिका आप तक सेंधा नमक के एैसे फायदों को पहुंचा रहा है जो आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी हैं। सेंधा नमक के लाभ 1. सेंधा नमक हड्डियों को मजबूत रखता है। 2. मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या सेंधा नमक के सेवन से ही ठीक हो सकती है। 3. नियमित सेंधा नमक का सेवन करने से प्राकृतिक नींद आती है। यह अनिंद्रा की तकलीफ को दूर करता है। 4. यह साइनस के दर्द को कम करता है। 5. शरीर में शर्करा को शरीर के अनुसार ही संतुलित रखता है। 6. पाचन तंत्र को ठीक रखता है। 7. यह शरीर में जल के स्तर की जांच करता है जिसकी वजह से शरीर की क्रियाओं को मदद मिलती है। 8. पित्त की पत्थरी व मूत्रपिंड को रोकने में सेंधा नमक और दूसरे नमकों से बेहद उपयोगी है। 9. पानी के साथ सेंधा नमक लेने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है।

अजवायन के अनुभूत प्रयोग

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★अजवायन के विलक्षण प्रयोग,मेरे अनुभूत★ ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: पेट दर्द नाशन के रूप में ,रसोई में इसका प्रयोग हर कोई जानता है । लेकिन साधारण जन इसके और भी कितने सैकड़ों चमत्कारी योग है , के बारे में नही जानता । कुछ योगों पर रोशनी डाल रहा हुँ , मेरी कोशिश रहती है कि आयुर्वेद के बारे ज्यादा से ज्यादा जानकारी दे पाऊ। आप सब मेरा  उत्साहवर्धन तो नहीं   करते है । जिससे मुझे और लिखने की प्रेरणा मिले  । फिर भी धन्यवाद करता हूँ  आपको ।। *अजवायन को तवे पर हल्का सा सेककर और चूर्ण बनाकर तलवों पर मालिस करने से शरीर की ठंडक दूर होकर गर्मी बढती है । मैंने लो बी.पी के मरीजों पर भी इसका प्रयोग करवाकर लाभकारी पाया है । * 100ग्राम अजवायन को स्फेद प्याज के रस में पाँच बार भिगोकर,सुखाकर चूर्ण बनाकर रख लें । इस चूर्ण में 100ग्राम देशी गाय का घी , मिश्री 200 ग्राम मिलाकर काँच की शीशी में भरकर  रख लें । रोज 15ग्राम इस मिश्रण को 40 दिन तक सेवन करने से , लिंगइ्रंद्री की कमजोरी दूर होती है । कामशीतलता का बहुत अच्छा नुस्खा है ।औरत मर्द ...

पेट दर्द का घरेलू उपचार

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पेट (उदर) के दर्द का उपचार ############## उदर की पीड़ा के अनेक प्रकार होते हैं, जैसे कि गैस की समस्या, जलन का एहसास, लंबे समय से चल रही उदर की पीड़ा इत्यादि । कई बार उदर की पीड़ा दूषित खाना खाने से और दूषित पानी पीने से होती है। इसके अलावा उदर की पीड़ा, तपेदिक, पथरी, अंतड़ियों में गतिरोध, संक्रमण, कैंसर और अन्य रोगों के कारण भी होती है। देखा जाये तो उदर की मांसपेशियों में पीड़ा होती है, लेकिन समझा यह जाता है की पीड़ा उदर में है। #उदर की पीड़ा के संकेत और लक्षण :- उदर की पीड़ा के आम लक्षण हैं: पेचिश, रक्त के साथ पेचिश, अनियमित दिनचर्या, कब्ज़ियत, अपचन, गैस, भूख न लगना, पेट में तकलीफ और जलन का एहसास, उल्टियाँ,  पेशाब और सीने में जलन, एसिडिटी, पीलिया और अनियमित मासिक धर्म। #उदर की पीड़ा के उपचार """""""""""""""""""""""""""""" #रोगी को बिना किसी बाधा के मलत्याग होना चाहिए। 24 घंटों में कम से कम एक बार मल का त्याग ज़रूरी है। लेकिन अगर ...

आयुर्वेदिक दवायें

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|| महत्वपूर्ण शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक औषधिया || _______________________________ वटी ___ आरोग्यवर्धिनी वटी- कफपित्तशामक, रेचक खदिरादि वटी - कफपित्तशामक,स्तम्भक लवंगादि वटी - कफपित्तशामक महासुदर्शन वटी- कफपित्तशामक, ज्वरघ्न संजीवनी वटी- कफज ज्वरनाशक सारिवादि वटी- वातशामक, वेदनास्थापक चित्रकादि वटी - कफवातशामक, अग्निप्रदीपक, दीपन पाचन विषतिन्दुक वटी- वातशामक, पित्तवर्धक, विषाक्तता कारक चन्द्रप्रभा वटी- त्रिदोषशामक,स्तम्भक, रसायन एलादि वटी- पित्तशामक, म्रदुताकारक कुटज घन वटी- कफवातशामक, आमहर, ग्राही रज: प्रवर्तनी वटी - कफशामक, वातानुलोमक, पित्तवर्धक ब्रद्धिवादिका वटी - कफशामक, ग्रंथिनाशक लशुनादि वटी- कफशामक वातानुलोमक, पित्तवर्धक प्रभाकर वटी- कफपित्तशामक, ह्द्य अग्नितुण्डी वटी- पित्तवर्धक, अग्निप्रदीपक व्योषादि वटी- कफवातशामक महाशंख वटी- पित्तशामक, वातानुलोमक शंख वटी- पित्तवर्धक, अग्निप्रदीपक पुनर्नवा मण्डूर वटी- शोथहर, रक्तवर्धक कांकायन वटी- कफवातशामक, लेखन _________________________________________ || रस नाम से आने वाली गुटिकाएं || ________________________ लक्ष...

गाय के घी के फायदे

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*गाय के घी के फायदे* 1.गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है। 2.गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है। 3.गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है। 4) 20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है। 5) गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है। 6) नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जाता है। 7) गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर चेतना वापस लोट आती है। 8) गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है 9) गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है। 10) हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ढीक होता है 11) हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी। 12) गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है। 13) गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है 14) गाय के पुराने घी स...

स्वादिष्ट टाफी

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आज एक आयुर्वेदिक टॉफी बताने जा रहा हूँ जो स्वादिष्ट होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी है पेट में गैस रुकने नहीं पाती गैस का दर्द भी दूर करती है , हाजमे की छोटी मोटी समस्या भी ठीक होती है. जो लोग तमाकू गुटखा आदि छोड़ना चाहते हैं इसको प्रयोग करके देखे. जिनके बच्चे टॉफी चोकलेट जैसी हानिकारक चीजे खाने के आदी है उन्हें जरुर बनाना चाहिए वृद्धों को मुह सूखने और स्वादिष्ट चरपरी चीजे खाने की इच्छा होती है उनके लिए भी उत्तम है बनाने में जितनी आसान है उससे कहीं ज्यादा गुणकारी है सामग्री और निर्माण विधि___ छोटी सौंफ 05 ग्राम आमला चूर्ण 05 ग्राम, सफ़ेदमिर्च 05 ग्राम दालचीनी 10 ग्राम मिश्री 25 ग्राम काला नमक 15 ग्राम पकी इमली का गूदा 25 ग्राम सफ़ेद जीरा 50 ग्राम सब सामग्री अलग अलग खूब महीन कूट पीस लें और ठीक से घोटकर मिलाये इसमें इतना नीबू का रस डालें की सब सामग्री आपस में बंध जाए और गोली बनाने में आसानी हो , चने के बराबर की गोलियां बनाकर मिश्री चूर्ण ऊपर से बुरक कर कोटिंग करके छाया में सुखा कर हवाबंद स्टील या कांच के बर्तन में रख लें. मिश्री को सामग्री में मिलाना है ऊपर से कोटिंग के ल...

शाकाहार और मांसाहार

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।। कृपया ध्यान से पूरा पढिए। । शाकाहार और मांसाहार -- 1. “लोग हमेशा से मांस खाते आए हैं और खाते रहेंगे।” माफ़ कीजिए...! यह सत्य नहीं है। मानव इतिहास में कई संस्कृतियाँ मांसाहार से परहेज करती हैं। वैदिक मान्यता के अनुसार जीने वाले प्राचीन भारतीय मांस नहीं खाते थे। कुछ चीजें बीते समय में होती थी तो इसका मतलब यह नहीं कि हम उसे जारी रखें। कल तक TB जानलेवा थी। आज नहीं। तो क्या आज भी इसका इलाज ना करवाएँ? 2. “अकेले मेरे मांसाहार छोड़ने से कुछ नहीं बदलेगा।” फ़र्क पड़ता है।1 परिवार कम से कम 30 पशुओं को हर साल बचा सकता हैं। सिर्फ़ अमेरिका में लोगों ने पाँच साल पहले के मुकाबले पिछले साल कोई 400 कम जानवर खाए। और ऐसा ही भारत में भी हो रहा है। समय बदल रहा है। 3. “हमें प्रोटीन के लिये मांस खाना चाहिये।” नहीं, ऐसा जरूरी नहीं है। प्रोटीन वनस्पतीय भोजन में भी प्रचुरता से भरे होते हैं। बीन्स (सेमफ़ली), मेवा से टोफ़ू और गेहूँ.... आपको पर्याप्त प्रोटीन प्राप्त करने के लिये मांसाहार की जरूरत नहीं है। यह एक मिथक है। । यदि मांस और प्रोटीन से ही स्वास्थ्य होता तो -- अमेरिका मे 62% मोटे ना होते। ...

सफेद दाग

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श्वेत कुष्ठ प्रकृति संरक्षण को समर्पित एकमात्र पत्रिका आम आदमी की भाषा मेंपर्यावरण संरक्षणगाय से श्वेत कुष्ठ का इलाज वैद्यक चिकित्सा पद्धति भारतीय चिकित्सा पद्धति की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। अंग्रेजी दवाओं के कारण यह चिकित्सा पद्धति कुछ पिछड़ सी गई थी, किन्तु अब पुनः लोग इसके महत्व को समझने लगे हैं। वैद्यक चिकित्सा पद्धति की पुरानी पुस्तकों में त्वचा पर सफेद धब्बों को श्वेत कुष्ठ की संज्ञा दी गई है। किन्तु आनुवंशिक विज्ञान (जेनेटिक्स) में हुए शोधकार्यों से श्वेत कुष्ठ के सम्बन्ध में जो वैज्ञानिक तथ्य उभर कर सामने आया है, वह यह कि श्वेत कुष्ठ आनुवंशिक रोग है। त्वचा के मूल रंग के लिए एक विशेष जीन जिम्मेदार होता है और जब इस विशेष जीन में एकाएक परिवर्तन हो जाता है, तो उसे उत्परिवर्तन कहते हैं। उत्परिवर्तन के कारण त्वचा श्वेत हो जाती है। वास्तव में श्वेतकुष्ठ रोग नहीं है। श्वेत कुष्ठ संक्रामक भी नहीं होता है। यह जानकारी अब आम हो गई है। फिर भी जनमानस में श्वेतकुष्ठ के प्रति जो घृणा का भाव उत्पन्न होता है और उसके सम्पर्क में आने से बचने का प्रयास एक सहज भावना है। यहाॅं मैं श्वेत कुष्ठ ...

अदरक नींबू और शहद से बनाये कफ सिरप

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सर्दियों में कफ खांसी की बहुत परेशानी होती है।  इसके लिए आप घर पर भी कफ सिरप बना सकते है।  जो बाजार के कफ सिरप से अच्छा और सस्ता होगा। ।। घर ही बनायें कफ सिरप। । कफ सिरप बनाने का तरीका कफ सिरप बनाने के लिए आपको अदरक, दो नींबू शहद और पानी की आवश्यकता पड़ेगी।  इसके लिए सबसे पहले अदरक को छीलकर छोटे टुकड़ो में काट लें।  इसके बाद नींबू को कद्दूकस करें। इसके बाद बर्तन में एक कप पानी लेकर उसे गर्म कर लें। इस गर्म पानी में आधा करीब 200 ग्राम कटी अदरक डालें और साथ ही उसमें आधा चम्मच कद्दूकस किया हुआ नींबू डाल दे। इसको पांच मिनट तक पकने दे।  फिर इस मिश्रण को छान लीजिए और इसमें एक कप शहद मिलाकर दोबारा हल्की आंच पर पकने दे। ध्यान रहें ही शहद डालने के बाद इस मिश्रण को उबाले नहीं। इसके बाद इस के अंदर दो नींबू का रस डालें। इसके बाद थोड़ी देर इसे धीमी आंच में ही पकने दे। आंच से उतारने के बाद इस मिश्रण को किसी शीशी में भर दे। इसके इस्तेमाल से आपको खांसी के साथ ही कफ की समस्यां मे भी जल्द ही आराम मिलेगा। प्रयोग करें और  हमें बतायें।

हरवल कफ सिरप घर में बनायें

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हर्बल कफ सिरप मित्रों सर्दी के मौसम में प्रत्येक घर में किसी न किसी को खासी जुकाम और कफ की समस्या बनी रहती है स्थिति तब और ख़राब हो जाती है जब खांसी लगातार कई दिनों तक आती है और तरह तरह के कफ सिरप पीने के बाद भी कोई रिलीफ नहीं मिलता है ... ऐसे कफ सिरप भी कई तरह की समस्याओं को जन्म देते है ..इस समस्या से बचने के लिए एक बहुत ही असरदार कफ सिरप आप घर पर ही बना सकते है ... सामग्री----- (1) पान के पत्ते का जूस एक कप (2)अदरक का जूस एक कप (3)धागे वाली मिश्री पिसी हुइ दो कप (4)शुद्ध शहद एक कप (5)दालचीनी पाउडर चार चम्मच विधि -----  पान के पत्तों का जूस, अदरक का जूस दालचीनी पाउडर, और मिश्री पाउडर एक बर्तन में लेकर हलकी आंच पर गरम करें ..और धीरे धीरे चलाते रहें ....कुछ देर में यह शहद जैसा गाढ़ा हो जायेगा ...अब आंच से उतार ले और गुनगुना रहने पर शहद मिला दें ..... आपका बेहद असरदार और किफायती कफ सिरप तैयार है इसे किसी कांच के बर्तन में रख लें ये सिरप तीन से छह महीने तक ख़राब नहीं होगा मात्रा-- वयस्क 3 से 5 ml दिन में तीन से चार बार बच्चे 1 ml से 3 ml तक दिन में तीन से चार बार लाभ...

स्तनों की सूजन

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। स्वास्थय सुख। स्‍तनों की सूजन १ * गेंदे की पत्तियों को कपड़े में लपेट कर बांध लें। फिर इसके ऊपर गीली मिटटी का लेप लगा दें। फिर कपड़े की इस पोटली को उस आग की भटटी में रखें जो ठंडी होने वाली हो। फिर जब पोटली के ऊपर की मिटटी लाल हो जाए, तब उसे बाहर निकालें और पत्तियों को अलग कर लें। इसके बाद इन्‍हीं पत्तियों को स्‍तनों पर बांधें। २ * धतूरे की पत्‍ते और हल्‍दी को पीसकर स्‍तनों पर लेप करने से स्‍तनों की सूजन में आराम मिलता है। ३ * अजवायन का तेल को गुनगुना करके २ – ३ बार स्‍तनों की मालिश करें और फिर अरंड का पत्‍ता बांध दें। सूजन में आराम मिलेगा। ४ * स्‍तनों में यदि सूजन के साथ साथ दर्द भी हो तो इंद्रायण की जड़ को पीसकर लेप बना लें और फिर इसे गर्म करके स्‍तनों पर लेप करने से दर्द कम होता है और सूजन भी कम हो जाती है। ५ * धृतकुमारी यानि ऐलोवेरा के गूदे में हल्‍दी मिलाकर थोड़ा सा गर्म करके लेप करने से सूजन कम हो जाती है

शुगर को कैसे रखें कंट्रोल

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आप खान सही तरीके से लेकर भी कंट्रोल रख सकते है जी अपना शुगर। मधुमेह या शुगर होने की स्थिति में जरूरी नहीं कि आप खाने से परहेज करें या बेस्वाद खाना खाएं| आप शुगर में भी अपना पसंदीदा खाना खा सकते हैं| यह बहुत मायने रखता है कि आप कैसे खाते हैं, क्या खाते हैं और कितना खाते हैं। मुंबई की एक सीनियर रजिस्टर्ड डाइटिशयन एंड डायबिटिस एज्युकेटर, आपको बता रही हैं कि आप किस प्रकार शुगर की स्थिति में भी अपना डाइट प्लान विकसित कर सकते हैं और अपना शुगर लेवल नियंत्रण में रख सकते हैं। 1) ऐसा खाना खाएं जिसमें फैट कम और फाइबर ज्यादा हो। 2) कृत्रिम मीठे वाले पीय पदार्थ पियें। 3) यदि आपको मीठे पेय पदार्थ पसंद हैं तो कृत्रिम मीठे वाले पेय पदार्थ पियें। 4) चीनी वाले पेय पदार्थ जैसे कि सोडा, एनर्जी ड्रिंक, चीनी वाली चाय या कॉफ़ी नहीं पियें। 5) यदि आप रोजाना जूस लेते हैं तो रोजाना का आधा कप कर दें| इसे खाने के साथ ही लेने की कोशिश करें| संतरे, अंगूर, सेव, क्रैनबेरीजूस लें। 6) मीठे वाले पदार्थ जैसे टॉफ़ी, बिस्कुट, केक, पाई आदि से दूर रहें। 7) दिन में तीन बार खाना खाएं और एक ही समय पर खाएं। 8) ...

स्तनों का आकार छोटा करें

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स्तनों (ब्रेस्ट) का आकार कम करने के उपाय :     अगर आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो पहले अपना वजन कम कीजिए. वजन कम किये बिना मोटी स्त्रियों के स्तनों का आकार कम नहीं हो सकता है.   सही फिटिंग वाली ब्रा पहनिए, सही फिटिंग वाले ब्रा स्तनों को बेडौल होने से रोकते हैं.   पैकेट बंद और डिब्बा बंद चीजें, तली हुई चीज़ें कम खाइए.हर दिन कार्डियो एरोबिक्स करना शुरू कीजिए, इससे आपके स्तनों की चर्बी कम होगी.साइकलिंग या ब्रिस्क वाक करने से भी ब्रेस्ट का आकार प्राकृतिक तरीके से कम होता है. अगर आप ऐसे डांस स्टेप्स करती हैं, जिससे छाती के हिस्से में मूवमेंट होती हो, तो यह भी स्तन का आकार कम करने में मदद करेगा.मसाज के जरिए भी स्तनों की चर्बी को कम किया जा सकता है. हालांकि इस तरीके से स्तनों का आकार कम होने में थोड़ा लम्बा समय लगेगा. मसाज के लिए आप किसी भी प्राकृतिक तेल का उपयोग कर सकती हैं. एक कप गर्म पानी में पीसा हुआ अदरक और एक चम्मच शहद मिलाकर पिएँ. यह स्तनों की चर्बी को कम करने का एक असरदार तरीका है. एक दिन में 2 बार ग्रीन टी पीने से स्तनों के आकार को कम करने में मदद मि...

कब्ज उपचार

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कब्ज का सरल उपचार मित्रो जैसा की आप सभी जानते है ज्यादातर बीमारियों का कारण पेट की खराबी से जुडा हुआ है तो क्यू न हम अपना पेट ही सही कर ले और सभी बीमारियों से बच सके आइये जाने कुछ मुख्य बिमारी के नाम जो पेट की गडबडी से होती है @  बवासीर @  यूरिक एसिड का बढ़ना @  मधुमय (शुगर) का बढ़ना @  बेड कोलेस्ट्राल का बढना @  ट्राईगिल्सराइड  का बढ़ना @  टोंसिल मुंह के छाले का होना @  कब्ज होना @  एसिडिटी होना आदि उपरोक्त सभी मुख्य बीमारियों के होने का कारण पेट की गडबडी से जुडा है आइये आप को बहुत सरल भाषा में समझा देता हूँ जब आप के मुहँ में छाले होते है डॉ साहब सबसे पहले एक ही प्र्शन करते है क्या आप का पेट साफ़ हो रहा है ? एसे ही कोई भी बिमारी ले कर जाइये डॉ साहब के पास तो वो सबसे पहले ये ही पूछे ग पेट साफ़ रहता है कब्ज तो नही रहती आदि आदि अब आप के मन में प्रशन उठे ग की ये तो बात बराबर है लेकिन ये पेट साफ़ हो कैसे ? कैसे ये कब्ज ठीक रहे ? ये कब्ज होता क्यू है ?  हम तो घर का खाना खा रहे है फिर भी पेट गडबड है आखिर क्यू ? आइये आप...

कानों की सभी समस्या का निदान

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कानों की लगभग सभी रोगों के लिए सबसे अच्छा उपाय जैसे :- कानों से मवाद (पस), कानों का लगातार मवाद निकलना, कानों से कम सुनाई देना, कानों में मैल जमा होना, कानों के प्रदे का खराब होना और अंत में कानों में कोई भी इन्फेक्शन होना उपचार :- देशी गाय माता(काले रंग की गौ माता हो तो सबसे अच्छा, यदि उपलब्ध हो तो) का ताजा गौ मूत्र (छोटी बछडी हो तो सर्वोत्तम) इसकी दो दो बूंदें कानों में डाले कानों को अतिशीघ्र आराम मिलता है नोट :- ध्यान रखें कि गाय गर्भवती न हो

पित्ती उछलने का घरेलू उपचार

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पित्ती के उपचार (Urticaria) पित्ती, शीतपित्ती या अर्टिकारिया त्वचा का रोग है जिसमें शरीर पर खुजली वाले लाल चकत्ते निकल आते हैं। आयुर्वेद के अनुसार पित्ती के उपचार (urticaria treatment) घर पर बहुत सरलता से किये जा सकते हैं। आपकी रसोई में ऐसे बहुत से मसाले व अन्य सामग्री उपलब्ध है जिनसे आप पित्ती के उपचार कर सकते हैं। साथ ही साथ आपके बगीचे में भी ऐसे बहुत से औषधीय पौधे होते हैं जिनसे पित्ती जैसी तकलीफों का सरलता से उपचार किया जा सकता है। :पित्ती के लक्षण: शरीर की त्वचा पर जलन या बिना जलन वाले, लाल, उभरे हुए, खुजली वाले चकत्ते निकल आना पित्ती या अर्टिकारिया का मुख्य लक्षण है। :पित्ती के मुख्य कारण: ● दवाओं के साइड इफैक्ट्स ● एलर्जी ● कीट-पतंगों का डंक ● खाने की चीज़ों में रसायन होना ● सूरज की तेज़ धूप लगना ● संक्रमित पानी ● बहुत ठंडी हवा लगना आदि पित्ती या अर्टिकारिया के मुख्य कारण हैं। :पित्ती का प्राकृतिक घरेलू उपचार: (1) हल्दी प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। इसलिये यह पित्ती में भी बहुत लाभदायक है। ½ चम्मच हल्दी पाउडर ले लीजिये. इसमें ½ चम्मच शहद अच्छी तरह मिला लीजिये।...

घर में बनायें गुलकंद

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*घर पर बनाएं गुलकंद* आवश्यक सामग्री -250 ग्राम ताजी गुलाब की पंखुड़ि‍यां - 500 ग्राम पिसी हुई मिश्री या चीनी (अगर मीठा कम खाते हैं तो चीनी या मिश्री गुलाब की पंखुड़ि‍यों की बराबर मात्रा में लें.) -एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची -एक छोटा चम्मच पिसे सौंफ विधि - कांच के एक बड़े बर्तन में एक परत गुलाब की पंखुड़ि‍यों की डालें. - अब इस पर थोड़ी मिश्री डालें. - इसके ऊपर एक परत गुलाब की पंखुड़ि‍यों की फिर रखें और फिर थोड़ी मिश्री डालें. - अब इलायची और सौंफ डाल दें. - इसके बाद बची गुलाब की पंखुड़ि‍यों और मिश्री को कांच के बर्तन में डालें. - फिर ढक्कन बंद करके धूप में 7-10 दिन के लिए रख दें. - धूप में रखने से मिश्री जो पानी छोड़ेगी, गुलाब की पंखुड़ि‍यों उसी में गलेंगी. तैयार है घर पर बना विश्वसनीय गुलकंद गुण: गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे पहुंचाता है। हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है। गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है। सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है। पीरि...

चैहरे के तिल हटाने के उपाय

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चेहरे के तिल हटाने के उपाय  (Chehre ke til ka ilaj in hindi )1. प्याज प्याज का प्रयोग तिल को हटाने के लिए किया जाता है। प्याज को छीलकर उसका रस निकाल ले, रुई को प्याज के रस में डुबो कर रखे। फिर रुई को निकाल कर तिल वाली जगह पर आधे घंटे तक रखे। उसके बाद रुई को हटाकर ठंडे पानी से तिल वाली जगह को धो ले। ऐसा 1 महीने तक करने से तिल पूरी तरह से त्वचा से हट जायेगा।  2. केले के छिलके केले का छिलका तिल को जड़ से ख़तम करने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए ताजे पके हुए केले को छीले। फिर छिलके के अंदर के भाग को तिल के उपर रखकर band aid पट्टी से चिपका दे। ऐसा रात भर के लिए रखे और फिर सुबह ठंडे पानी से धो ले। ऐसा तब तक करे जब तक तिल शरीर से हट ना जाए। 3. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar to remove Moles in Hindi) सेब के सिरके का प्रयोग करके तिल को बिना किसी निशान छोड़े हटाया जा सकता है। अपनी त्वचा को सबसे पहले अच्छी तरह से धो ले। फिर रुई की सहायता से सेब के सिरके को तिल के उपर लगाए, और 1 घंटे तक लगे रहने दे। फिर हल्के गुनगुने पानी से धो ले। ऐसा तब तक करे जब तक तिल पूरी तरह...

गौ मूत्र के गुण

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गौ मूत्र के चमत्कारी गुण     गाय के गोबर में लक्ष्मी और मूत्र में गंगा का वास होता है, जबकि आयुर्वेद में गौमूत्र के ढेरों प्रयोग कहे गए हैं। गौमूत्र का रासायनिक विश्लेषण करने पर वैज्ञानिकों ने पाया, कि इसमें 24 ऐसे तत्व हैं जो शरीर के विभिन्न रोगों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं। आयुर्वेद के अनुसार गौमूत्र का नियमित सेवन करने से कई बीमारियों को खत्म किया जा सकता है। जो लोग नियमित रूप से थोड़े से गौमूत्र का भी सेवन करते हैं, उनकी रोगप्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। मौसम परिवर्तन के समय होने वाली कई बीमारियां दूर ही रहती हैं। शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है। इसके कुछ गुण इस प्रकार गए हैं :- 1. गौ मूत्र कड़क, कसैला, तीक्ष्ण और ऊष्ण होने के साथ-साथ विष नाशक, जीवाणु नाशक, त्रिदोष नाशक, मेधा शक्ति वर्द्धक और शीघ्र पचने वाला होता है। इसमें नाइट्रोजन, ताम्र, फास्फेट, यूरिया, यूरिक एसिड, पोटाशियम, सल्फेट, फास्फेट, क्लोराइड और सोडियम की विभिन्न मात्राएं पायी जाती हैं। यह शरीर में ताम्र की कमी को पूरा करने में भी सहायक है। 2. गौमूत्र को न केवल रक्त के सभी तरह के विकारों को दू...

घर में बनायें हेल्थ पाउडर

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🌻 *बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास, नेत्र ज्योति बढ़ाने के लिए पौस्टिक पाउडर*🌻 बॉर्न्विटा हॉर्लिक्स वगैरह बच्चों के इम्यून सिस्टम को बिगाड़ देते हैं, इन्हें कभी प्रयोग नही करना चाहिए। *2 साल के ऊपर के सभी बच्चों को नीचे लिखा पाउडर घर में बना कर दें।* 🕉बादाम      50 ग्राम (पानी में भिगो कर छिलका उतार कर सुखा लें) 🕉अखरोट  50 ग्राम 🕉 छुहारा    50 ग्राम 🕉मखाना   300 ग्राम 🕉मूंगफली  100 ग्राम 🕉वंसलोचन 50 ग्राम 🕉शंखपुष्पी  50 ग्राम 🕉मीठी बच   10 ग्राम 🕉लटजीरा   20 ग्राम 🕉वायबिडंग  20 ग्राम 🕉छोटी इलायची 10 ग्राम 🕉सौंफ        50 ग्राम 🕉 काली मिर्च  50 ग्राम 🕉अश्वगंधा      100 ग्राम 🕉सतावर      50 ग्राम 🕉 चंद्रसूर      50 ग्राम 🕉मिश्री        700 ग्राम सबको कूट पीस कर पाउडर बना कर रख लें, 1 चम्मच ये पाउडर दूध में मिला कर दें,इम्यून सिस्टम मजबूत होगा जल्दी बच्चा बीमार नही पड़ेगा। *इससे नेत्...

महिलाओं के हारमोन असंतुलन

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महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के लक्षण और उपचार ################## शरीर में कुछ असामान्यता जैसे सूजन या फिर असहजता महसूस हो, तो यह हार्मोन के असंतुलन के कारण भी हो सकता है। अलग-अलग मानसिक परिस्थितियों से गुजरने पर शरीर के आंतरिक अंगों में संबंधित हार्मोन का सक्रिय होना सामान्य बात है। साथ ही महिलाओं में प्रेग्नेंसी, मासिक धर्म और मेनोपॉज के समय भी हार्मोन का स्त्राव और बदलाव होता है। लेकिन कभी-कभी कुछ दवाओं या स्वास्थ्य समस्याओं के चलते भी हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन को समझने के लिए आपको अपने शरीर के प्रति सजग रहने की जरूरत है। अगर आपको यह लक्षण दिखाई दें या महसूस हों तो यह हार्मोन्स का असंतुलन हो सकता है - 1. महिलाओं में मासिकधर्म की समयावधि में परिवर्तन हार्मोन्स के कारण होता है। सामान्यत: 21 से 35 दिन के अंदर शुरू होने वाला मासिक धर्म, यदि महीनों के अंतराल के बाद हो रहा हो या समय पर नहीं हो रहा हो, तो यह एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन्स की अधिकता या कमी का नतीजा हो सकता है। इसके अलावा 40 से 50 की उम्र से पहले मेनोपॉज होना और मासिकधर्म का अ...

क्रोध की शान्ति के लिए

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स्वास्थ्य सुझाव 1 .अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंद बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें . क्रोध आना शांत हो जाएगा . 2 .पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं . बडों के लिये - चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये . 3 .घुटनों में दर्द के लिये अखरोट सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से घुटनों का दर्द मैं आराम हो जाता है . 4 .पेट में वायु - गैस के लिये मट्ठा और अजवायन - पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु - गैस मिटती है . एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें . 5 .काले धब्बों के लिये नीबू और नारियल का तेल चेहरे व कोहनी पर काले धब्बे दूर करने ...

संतुलित भोजन

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संतुलित भोजन :- संतुलित भोजन  या बैलेंस डाइट वह है जिससे शरीर को सुचारू रूप से चलने के लिए संपूर्ण पोषण मिल सके। संतुलित भोजन के लिए हर रोज शरीर की जरूरत के हिसाब से कैलोरी, विटामिन, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट लेना जरूरी होता है। पोषक तत्वों के अभाव में व्यक्ति का शरीर कमजोर होने लगता है और अलग- अलग बीमारियों से घिर जाता है। कैलोरी:- कैलोरी, भोजन का वह हिस्सा है जो शरीर को ऊर्जा  देता है साथ ही शरीर में ऊर्जा को बचा कर भी रखता है। भोजन में मौजूद कैलोरी से ही शरीर चलता-फिरता और अपने सब काम करता है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन लगभग 2000 कैलोरी की आवश्यकता होती है जिससे उसका शरीर बिना थके काम कर सके। हालांकि व्यक्ति की प्रतिदिन की कैलोरी की मात्रा उसकी उम्र, जेंडर और शारीरिक मेहनत पर भी निर्भर करती है। पुरूषों को महिलाओं की अपेक्षा अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है। संतुलित भोजन में क्या क्या हो :- संतुलित भोजन में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जिनमें विटामिन, मिनरल, और पोषक तत्व उच्च मात्रा में हों और वसा तथा शुगर कम मात्रा में हो। नीचे कुछ खाद्य पदार्थ बताए ...

आंबा हल्दी के फायदे

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आंबा हल्दी के फ़ायदे १. सूजन एलोवेरा के गूदे में आंबा हल्दी डालकर थोड़ा गर्म करके बांध देने पर सूजन चली जाती है। इससे घाव भी भरता है। २. चेचक के दाग़ चेचक का दाग़ मिटाने के लिए सरकंडे की जड़, जलाई हुई कौड़ी व आंबा हल्दी को कूटकर छान लें। इसे भैंस के दूध में मिलाकर रात को सोते समय लगा लें। उसी समय रात को पानी में भूसी भिगो दें। सुबह उठकर उस भूसी वाले पानी से मुंह से धो लें, शाम को भी भूसी वाले पानी से मुंह धुलें तो अधिक लाभकारी होगा। कुछ दिन के नियमित प्रयोग से चेचक के दाग़ चले जाएंगे। ३. चोट – 10-10 ग्राम आंबा हल्दी व चोट सज्जी लेकर पानी में पीस लें। इसे कपड़े पर लगाकर चोट या मोच पर बांध देने से लाभ होता है। केवल आंबा हल्दी को भी पीसकर गर्म करके बांध देने से चोट व सूजन दूर हो जाती है। – 20-20 ग्राम पपड़िया कत्था व आंबा हल्दी तथा तीन-तीन ग्राम कूपर व लौंग लेकर पानी के साथ पीस लें और उसे चोट या मोच पर बांध दें। आराम मिलेगा। – 10-10 ग्राम मुरमक्‍की, आंबा हल्दी व मेदा लकड़ी लेकर पानी के साथ पीस लें और थोड़ा गर्म करके चोट या मोच पर बांध देने से आराम मिलता है। – 3 ग्राम आंबा हल...

सफेद मिर्च के लड्डू से होती है नज़र तेज

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खायेंगे दकनी मिर्च के लडडू ~ चशमा हट जायेगा दकनी मिर्च ( सफेद या हल्‍के ब्राउन रंग की मिर्च ) के लड्डु बनाने की विधि :- 1 किलो आटा के लडडू बनाने की सामग्री :- * आटा 1 किलो ले भून लें ! * सफेद मिर्च 100 ग्राम भून के पीस लें ! * गाय का घी ( अगर नां मिले तो देशी घी कोई भी – मात्रा उतनी जितने लडडू बन सके ) ! ड्राई फ्रूट इच्‍छानुसार – पीस कर डालने है ! बादाम – सौंफ – मिश्री जरूर मिलायें ! सबको मिला 15 – 20 ग्राम वजन के लडडू बना 1 सुबहा – 1 शाम दूध के साथ सेवन करें ! ===== * नेत्र संबंधित आसन करे ! * सुबहा नंगे पांव घास पर घूमें ! * कच्चा पालक सैर करते समय खायें ! * संभव हो सके तो शयन कक्ष में हरे रंग के परदे लगवा लें ! * रोज सुबह मुहँ मे पानी भर आँखों पर पानी के छप्‍पाके मारें ! * पैर के तलवों में सरसों का तेल मालिश करने से आंखों की रोशनी तेज होती है ! * नहाने के बाद नाभि में रोजाना सरसों का तेल लगाने से नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है ! * त्रिफला व ईसबगोल की भूसी दो चम्मच मिला शाम को गुनगुने पानी से लें ! नेत्रज्योति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है !

सुगर रोग कि षडयंत्र

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*सुगर ------ रोग पर षड्यंत्र* क्या आप जानते हैं, *1997 से पहले Fasting Diebetes की limit 140 थी।* फिर *Fasting Sugar की limit 126 कर दी गयी।* इससे *World Population में  14% Diebetec के लोग बढ़ गए।* उसके बाद *2003 में Asso. ने फिर से Fasting Sugar की limit कम करके 100 कर दी।* यानि फिर से *कुल जनसंख्या के करीबन 70% लोग Diebetec माने जाने लगे।* दरअसल *Diebetes Ratio या limit को तय करने वाली कुछ Pharmaceutical कंपनियां थीं* *अपना Business बढ़ाने के लिए यह सब किया जाता रहा।* ( *इतना ही नही यह मानव भक्षी कंपनियों ने सिर्फ इतना ही नहीं किया अपितु इन्होंने अपने प्रयोगशालाओं में बनने वाले उपकरणों की सेन्स्टिविटी को इतना अधिक सेट कर रखा है कि जब तक रोगी लास्ट स्टेज पर ना पहुंचे तब तक इनकी रिपोर्ट में सब कुछ नार्मल ही रहता है । क्योंकि यदि रोगी को पता चल गया कि उसे 20 % सुगर है , या 20 % हार्ट ब्लोकेज है तो वह रसोईघर में रखी औषधियों से स्वयं को ठीक हो सकता है ।*) लेकिन क्या आपको पता है कि *Actually Diebetes कैसे Count करनी चाहिए ?* *कैसे पता चलेगा कि आप Diebetec हैं या न...

कंपनी और एसोसिएशन के षडयंत्र

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कंपनी और एसोशियेशन का एक और बडा षडयंत्र मानवता के 120 - 80 से नई माप 130  की गई ताकि लोग देर से सचेत हो और लोग जब खतरे में आ जांय तो हास्पीटल में ऑपरेशन प्रक्रिया में बढोतरी हो ।

गोंद के लड्डू

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गोंद के लड्डू ========= गोंद के लडडू खाने से आप ठंड से बचे रहते हैं, खुद भी खायें और अपने प्रियजनों को भी खिलाएं। यह लडडू कमर दर्द के लिए भी बहुत लाभदायक हैं। तो आइए जाने स्वादिष्ठ गोंद के लडडू बनाने का तरीका। सामग्री :     गोंद - 100 ग्राम     गेहूं का आटा - ½ किलो     देसी घी - 300 ग्राम     सूखा नारियल - ½ कप     पिसी देशी शक्कर या गुड़ - ½ किलो     बादाम - ½ कप, बारीक कटा     काजू - ½ कप, बारीक कटा विधि:     मोटे तले की कड़ाही में घी गरम कर के मध्यम आँच पर गोंद तल लें, गोंद फूलने पर एक प्लेट में निकाल लें, गोंद ठंडी होने पर मिक्सी में उसे दरदरा पीस लें।     सूखा नारियल भी मिक्सी में बारीक पीस लें।     धीमी आँच पर आटे को सुनहेरा खुश्बू आने तक भून लें। आटा भूनने में थोड़ा समय लगेगा, आटा जले नही इसलिए धीमी आँच पर उसे चलाते रहें।     कड़ाही को जब गैस से उतारे तो कड़ाही ठंडी होने तक आटा चलाते रहें या भुने आटे को किसी थाल में निकाल लें ताकि आटा जले नही।   ...

हर्बल शैम्पू घर पर बनायें

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हर्बल शैम्पू बनाने की विधि*🌻 50 ग्राम सूखे आंवले 50 ग्राम रीठा 50 ग्राम शिकाकाई 50 ग्राम  नीम के पत्ते 1 लीटर गरम पानी लेकर लोहे के बरतन मे पुरी रात भीगो दे. सुबह मसल के छान लीजिये। हर्बल शेम्पु तैयार हो जायेगा. बाजारु शैम्पू से पतला लगेगा लेकिन परिणाम बहुत अच्छा देता है. - बाल झडना बन्द होगा - बाल सफेद होना रुक जायेगा - डेन्डरफ 1 ही इस्तेमाल मे चला जायेगा - बाल चमकीले, काले और घने होगेl

पित्त की पथरी का देशी नुस्खा

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पित्त की पथरी का देसी इलाज | घरेलु उपचार के तरीके | शुरुवाती लक्षणों का पता चलने पर आप यहाँ दिए गाये घरेलु नुस्खे और प्राकर्तिक उपाय अपनाकर काफी आराम पा सकते हैं| लेकिन डॉक्टर से सही समय पर इलाज लेना जरुरी होता है| यहाँ दिए गए देसी इलाज पथरी और दूर करने और दर्द जैसे लक्षणों से आराम पाने के लिए कारगर होंगे इसलिए आप अपने इलाज के साथ साथ इन्हें भी आजमाकर देखें| सेब का सिरका सेब का सिरका  apple cider vinegar में अम्लीय गुण पाए जाते हैं जो की लीवर को  कोलेस्ट्रॉल बनाने से रोकते हैं| साथ ही यह सिरका पथरी को घोलने में मदद करता है और पथरी के दर्द से भी राहत दिलवाता है| जब भी आपको gallstone attack आये उसी समय एक चम्मच सेब के सिरके का एक गिलास सेब के juice में मिलाकर पि लीजिये| ये नुस्खा आपको दर्द से फटाफट आराम दिला देगा| पथरी को घोलने के लिए और दर्द से छुटकारा पाने का एक आसान नुस्खा ये है के एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच निम्बू का रस और 2 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर रोजाना सुबह खली पेट पीयें| निम्बू का रस पिट के पथरी के लिए निम्बू का रस एक रामबाण दवा है| निम्बू के गु...

हकलाहट का उपचार

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हकलाहट के आयुर्वेदिक उपचार गुनगुने ब्राह्मी तेल से सिर पर 30 से 40 मिनट तक मालिश करें। उसके बाद गुनगुने पानी से नहा लें। इससे स्मरण शक्ति में सुधार होता है और अटककर और हकलाकर बोलने का दोष मिट जाता है। एक चम्मच सारस्वत चूर्ण और 1/2  चम्मच ब्राह्मी किरुथम शहद में मिला दें। इस मिश्रण को चावल के गोलों में मिलाकर मुंह में रखकर अच्छी तरह से चबाने से हकलाहट में लाभ मिलता है। बेहतर होगा अगर आप इसका सेवन नाश्ते के रूप में चटनी जैसा करें। नाश्ते के बाद 30 मिलीलीटर सारस्वतारिष्ट लेने से हकलाहट में लाभ मिलेगा।  गाय का घी हकलाहट को दूर करने का एक उम्दा उपचार माना जाता है।कुछ कोथमीर के बीज और पाम कैंडी वल्लाराई के पत्तों में रखकर चबाने से हकलाहट दूर हो जाती है। वल्लाराई के पत्तों को धूप में सुखाकर पाउडर बना लें और इस पाउडर का नियमित रूप से सेवन करने से भी हकलाहट दूर हो जाती है।नियमित रूप से एक आँवले का सेवन करने से हकलाहट कम होती है । सुबह सवेरे एक चम्मच सूखे आँवले का पाउडर और एक चम्मच देसी घी का सेवन करने से भी हकलाहट में लाभ मिलता है।12 बादाम पूरी रात पानी में सोख कर रखें, और सुब...

त्रिफला काया कल्प चूर्ण

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त्रिफला से कायाकल्प----- _____________________________________________________ त्रिफला तीन श्रेष्ठ औषधियों हरड, बहेडा व आंवला के पिसे मिश्रण से बने चूर्ण को कहते है।जो की मानव-जाति को हमारी प्रकृति का एक अनमोल उपहार हैत्रिफला सर्व रोगनाशक रोग प्रतिरोधक और आरोग्य प्रदान करने वाली औषधि है। त्रिफला से कायाकल्प होता है त्रिफला एक श्रेष्ठ रसायन, एन्टिबायोटिक वऐन्टिसेप्टिक है इसे आयुर्वेद का पेन्सिलिन भी कहा जाता है। त्रिफला का प्रयोग शरीर में वात पित्त और कफ़ का संतुलन बनाए रखता है। यह रोज़मर्रा की आम बीमारियों के लिए बहुत प्रभावकारी औषधि है सिर के रोग, चर्म रोग, रक्त दोष, मूत्र रोग तथा पाचन संस्थान में तो यह रामबाण है। नेत्र ज्योति वर्धक, मल-शोधक,जठराग्नि-प्रदीपक, बुद्धि को कुशाग्र करने वाला व शरीर का शोधन करने वाला एक उच्च कोटि का रसायन है। आयुर्वेद की प्रसिद्ध औषधि त्रिफला पर भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर, ट्राम्‍बे,गुरू नानक देव विश्‍वविद्यालय, अमृतसर और जवाहर लाल नेहरू विश्‍वविद्यालय में रिसर्च करनें के पश्‍चात यह निष्‍कर्ष निकाला गया कि त्रिफला कैंसर के सेलों को बढ़नें से रोकता है। हरड...