स्वादिष्ट टाफी

आज एक आयुर्वेदिक टॉफी बताने जा रहा हूँ जो स्वादिष्ट होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी है पेट में गैस रुकने नहीं पाती गैस का दर्द भी दूर करती है , हाजमे की छोटी मोटी समस्या भी ठीक होती है. जो लोग तमाकू गुटखा आदि छोड़ना चाहते हैं इसको प्रयोग करके देखे. जिनके बच्चे टॉफी चोकलेट जैसी हानिकारक चीजे खाने के आदी है उन्हें जरुर बनाना चाहिए वृद्धों को मुह सूखने और स्वादिष्ट चरपरी चीजे खाने की इच्छा होती है उनके लिए भी उत्तम है बनाने में जितनी आसान है उससे कहीं ज्यादा गुणकारी है

सामग्री और निर्माण विधि___

छोटी सौंफ 05 ग्राम आमला चूर्ण 05 ग्राम, सफ़ेदमिर्च 05 ग्राम दालचीनी 10 ग्राम मिश्री 25 ग्राम काला नमक 15 ग्राम पकी इमली का गूदा 25 ग्राम सफ़ेद जीरा 50 ग्राम

सब सामग्री अलग अलग खूब महीन कूट पीस लें और ठीक से घोटकर मिलाये इसमें इतना नीबू का रस डालें की सब सामग्री आपस में बंध जाए और गोली बनाने में आसानी हो , चने के बराबर की गोलियां बनाकर मिश्री चूर्ण ऊपर से बुरक कर कोटिंग करके छाया में सुखा कर हवाबंद स्टील या कांच के बर्तन में रख लें.

मिश्री को सामग्री में मिलाना है ऊपर से कोटिंग के लिए अलग से लें

अपने अनुभव पसंद स्वाद आदि के आधार पर सामग्रियों की मात्रा में परिवर्तन कर सकते हैं , चाहे तो हींग मुनक्का आदि भी मिला सकते हैं.
सफ़ेदजीरा व् सौंफ यह दोनों मिश्री के साथ ही सिल पर पीसे अकेले पीसने पर आसानी से महीन नहीं होता.

मूलरूप से यह चक्रदत्त ग्रन्थ में वर्णित सौवर्चलादी गुटिका है अपने अनुभव के अनुसार आधुनिक समय की जरुरतो के अनुसार कुछ हेर फेर के साथ प्रस्तुत किया है

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