अजवायन के अनुभूत प्रयोग

★अजवायन के विलक्षण प्रयोग,मेरे अनुभूत★
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पेट दर्द नाशन के रूप में ,रसोई में इसका प्रयोग हर कोई जानता है । लेकिन साधारण जन इसके और भी कितने सैकड़ों चमत्कारी योग है , के बारे में नही जानता । कुछ योगों पर रोशनी डाल रहा हुँ , मेरी कोशिश रहती है कि आयुर्वेद के बारे ज्यादा से ज्यादा जानकारी दे पाऊ। आप सब मेरा  उत्साहवर्धन तो नहीं   करते है । जिससे मुझे और लिखने की प्रेरणा मिले  ।
फिर भी धन्यवाद करता हूँ  आपको ।।

*अजवायन को तवे पर हल्का सा सेककर और चूर्ण बनाकर तलवों पर मालिस करने से शरीर की ठंडक दूर होकर गर्मी बढती है । मैंने लो बी.पी के मरीजों पर भी इसका प्रयोग करवाकर लाभकारी पाया है ।

* 100ग्राम अजवायन को स्फेद प्याज के रस में पाँच बार भिगोकर,सुखाकर चूर्ण बनाकर रख लें । इस चूर्ण में 100ग्राम देशी गाय का घी , मिश्री 200 ग्राम मिलाकर काँच की शीशी में भरकर  रख लें । रोज 15ग्राम इस मिश्रण को 40 दिन तक सेवन करने से , लिंगइ्रंद्री की कमजोरी दूर होती है । कामशीतलता का बहुत अच्छा नुस्खा है ।औरत मर्द दोनों के लिए। औरतें मात्रा कम रखें ।

*मासिक धर्म खुलकर न होता हो या दर्द से होता हो तो अजवायन को गर्म दूध से लेने से मासिक खुल कर आ जाता है । कमर दर्द दूर होता है । गर्भाशय शोथ दूर हो जाती है ।

*प्रसव के बाद अग्नि को प्रदीप्त करने के लिए ,भोजन पचाने हेतु,गैस और गर्भाशय को शुद्ध करने के लिए अजवायन का प्रयोग जरूर करना चाहिए।

*अजवायन का प्रयोग करते समय ध्यान रखें कि अजवायन का चूर्ण ½ग्राम से 5ग्राम तक , अजवायन का तैल एक बूंद से पाँच बूंद तक , फूल 125मिलीग्राम , अर्क 1ml से 6ml तक लेना चाहिए।

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