पित्ती उछलने का घरेलू उपचार
पित्ती के उपचार (Urticaria)
पित्ती, शीतपित्ती या अर्टिकारिया त्वचा का रोग है जिसमें शरीर पर खुजली वाले लाल चकत्ते निकल आते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार पित्ती के उपचार (urticaria treatment) घर पर बहुत सरलता से किये जा सकते हैं।
आपकी रसोई में ऐसे बहुत से मसाले व अन्य सामग्री उपलब्ध है जिनसे आप पित्ती के उपचार कर सकते हैं।
साथ ही साथ आपके बगीचे में भी ऐसे बहुत से औषधीय पौधे होते हैं जिनसे पित्ती जैसी तकलीफों का सरलता से उपचार किया जा सकता है।
:पित्ती के लक्षण:
शरीर की त्वचा पर जलन या बिना जलन वाले, लाल, उभरे हुए, खुजली वाले चकत्ते निकल आना पित्ती या अर्टिकारिया का मुख्य लक्षण है।
:पित्ती के मुख्य कारण:
● दवाओं के साइड इफैक्ट्स
● एलर्जी
● कीट-पतंगों का डंक
● खाने की चीज़ों में रसायन होना
● सूरज की तेज़ धूप लगना
● संक्रमित पानी
● बहुत ठंडी हवा लगना आदि
पित्ती या अर्टिकारिया के मुख्य कारण हैं।
:पित्ती का प्राकृतिक घरेलू उपचार:
(1)
हल्दी प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। इसलिये यह पित्ती में भी बहुत लाभदायक है।
½ चम्मच हल्दी पाउडर ले लीजिये.
इसमें ½ चम्मच शहद अच्छी तरह मिला लीजिये।
इसे दिन में 2 बार खाना चाहिये. इससे अर्टिकारिया बहुत ही जल्दी ठीक हो जाता है।
:पित्ती का प्राकृतिक घरेलू उपचार:
(2)
ग्वार पाठे का गूदा यानी कि एलोवेरा जैल सभी प्रकार के त्वचा के रोगों के लिये बहुत ही अच्छी औषधि है।
ग्वार पाठे का गूदा निकाल लीजिये.
ग्वार पाठे के गूदे को पित्ती से प्रभावित पूरे हिस्से पर लगायें।
इसे 30 मिनट लगा रहने दें।
सूखने पर दोबारा इसे लगायें।
ऐसा दिन में कई बार करने से पित्ती या अर्टिकारिया बिल्कुल ठीक हो जाता है।
■पित्ती का प्राकृतिक घरेलू उपचार
(3)
1 कप पानी लीजिये,
इस में पुदीने की 10 पत्तियाँ डालिये,
इसमें 1 चम्मच चीनी मिलाकर उबाल लीजिये,
फिर इसे छान कर ठंडा कर लीजिये,
पुदीने के इस पानी को रोज़ाना दिन में 1 बार पीने से अर्टिकारिया या पित्ती का रोग शीघ्र ही ठीक हो जाता है
पित्ती, शीतपित्ती या अर्टिकारिया त्वचा का रोग है जिसमें शरीर पर खुजली वाले लाल चकत्ते निकल आते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार पित्ती के उपचार (urticaria treatment) घर पर बहुत सरलता से किये जा सकते हैं।
आपकी रसोई में ऐसे बहुत से मसाले व अन्य सामग्री उपलब्ध है जिनसे आप पित्ती के उपचार कर सकते हैं।
साथ ही साथ आपके बगीचे में भी ऐसे बहुत से औषधीय पौधे होते हैं जिनसे पित्ती जैसी तकलीफों का सरलता से उपचार किया जा सकता है।
:पित्ती के लक्षण:
शरीर की त्वचा पर जलन या बिना जलन वाले, लाल, उभरे हुए, खुजली वाले चकत्ते निकल आना पित्ती या अर्टिकारिया का मुख्य लक्षण है।
:पित्ती के मुख्य कारण:
● दवाओं के साइड इफैक्ट्स
● एलर्जी
● कीट-पतंगों का डंक
● खाने की चीज़ों में रसायन होना
● सूरज की तेज़ धूप लगना
● संक्रमित पानी
● बहुत ठंडी हवा लगना आदि
पित्ती या अर्टिकारिया के मुख्य कारण हैं।
:पित्ती का प्राकृतिक घरेलू उपचार:
(1)
हल्दी प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। इसलिये यह पित्ती में भी बहुत लाभदायक है।
½ चम्मच हल्दी पाउडर ले लीजिये.
इसमें ½ चम्मच शहद अच्छी तरह मिला लीजिये।
इसे दिन में 2 बार खाना चाहिये. इससे अर्टिकारिया बहुत ही जल्दी ठीक हो जाता है।
:पित्ती का प्राकृतिक घरेलू उपचार:
(2)
ग्वार पाठे का गूदा यानी कि एलोवेरा जैल सभी प्रकार के त्वचा के रोगों के लिये बहुत ही अच्छी औषधि है।
ग्वार पाठे का गूदा निकाल लीजिये.
ग्वार पाठे के गूदे को पित्ती से प्रभावित पूरे हिस्से पर लगायें।
इसे 30 मिनट लगा रहने दें।
सूखने पर दोबारा इसे लगायें।
ऐसा दिन में कई बार करने से पित्ती या अर्टिकारिया बिल्कुल ठीक हो जाता है।
■पित्ती का प्राकृतिक घरेलू उपचार
(3)
1 कप पानी लीजिये,
इस में पुदीने की 10 पत्तियाँ डालिये,
इसमें 1 चम्मच चीनी मिलाकर उबाल लीजिये,
फिर इसे छान कर ठंडा कर लीजिये,
पुदीने के इस पानी को रोज़ाना दिन में 1 बार पीने से अर्टिकारिया या पित्ती का रोग शीघ्र ही ठीक हो जाता है
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