कब्ज उपचार
कब्ज का सरल उपचार
मित्रो जैसा की आप सभी जानते है ज्यादातर बीमारियों का कारण पेट की खराबी से जुडा हुआ है
तो क्यू न हम अपना पेट ही सही कर ले और सभी बीमारियों से बच सके
आइये जाने कुछ मुख्य बिमारी के नाम जो पेट की गडबडी से होती है
@ बवासीर
@ यूरिक एसिड का बढ़ना
@ मधुमय (शुगर) का बढ़ना
@ बेड कोलेस्ट्राल का बढना
@ ट्राईगिल्सराइड का बढ़ना
@ टोंसिल मुंह के छाले का होना
@ कब्ज होना
@ एसिडिटी होना
आदि
उपरोक्त सभी मुख्य बीमारियों के होने का कारण पेट की गडबडी से जुडा है
आइये आप को बहुत सरल भाषा में समझा देता हूँ
जब आप के मुहँ में छाले होते है डॉ साहब सबसे पहले एक ही प्र्शन करते है क्या आप का पेट साफ़ हो रहा है ?
एसे ही कोई भी बिमारी ले कर जाइये डॉ साहब के पास तो वो सबसे पहले ये ही पूछे ग पेट साफ़ रहता है कब्ज तो नही रहती आदि आदि
अब आप के मन में प्रशन उठे ग की ये तो बात बराबर है लेकिन ये पेट साफ़ हो कैसे ?
कैसे ये कब्ज ठीक रहे ?
ये कब्ज होता क्यू है ?
हम तो घर का खाना खा रहे है फिर भी पेट गडबड है आखिर क्यू ?
आइये आप को राजीव दिक्षित जी जो मेरे यानी अंकुर मौर्य के आदर्श है उनके द्वारा बताए गए सरल भाषा में समझा देता हूँ
मित्रो पेट की गडबडी से सब बिमारिया होती है आप भी जानते हो और मै भी
तो फिर क्यू न पेट को ही ठीक कर ले दुनिया भर की दवाए खाने से निजात मिल जाए गी
अब बात करते है पेट क्यू और कैसे ख़राब होता है ?
हम ने खाना खाया खाना पेट में गया (आमाशय में लेकिन मोटी भाषा में समझा रहा हूँ इस लिए विज्ञानिक टर्म पे न जाए )
अब खाना पेट में जा कर पचे ग या पके ग
कैसे ?
जब भी हम कुछ खाते है तो पेट में पहुचते ही हमारे पेट में अपने आप एक अग्नि जलने लगती है जिसे हम जठर अग्नि के नाम से जानते है
अब आप सभी से मेरा एक प्रश्न है
कृपा बताए यदि खिचड़ी को पकाना है तो क्या किया जाए ?
खिचड़ी को बर्तन में डाल कर अग्नि के उपर रखना पड़े ग तभी खिचड़ी पके गी न ?
या और कोई तरीका है ?
अब यदि खिचड़ी के नीचे जो अग्नि जल रही है उस पे हम दना दन पानी डाल दे तो क्या होगा ?
अग्नि बूझ जाए गी न ?
और यदि अग्नि बुझ गई तो क्या खिचड़ी पके गी?
नही न
और जब खिचड़ी पके गी नही तो बर्तन में सड़े गी
अब जरा ध्यान दे
ठीक इसी प्रकार की कहानी हमारे पेट की है
जब हम खाना खाते है तो पेट में खाना जाते ही पेट में अपने आप अग्नि जलने लगती है
और ये ही अग्नि जिसे जठर अग्नि कहते है खाना पचाने का कार्य करती है
इस खाना को पचने में 90 मिनट का समय लगता है
अब यदि हम खाना खाने के तुरंत बाद पानी पी ले गे तो जो आग पेट में जल रही है खाने को पचाने के लिए वो आग बुझ जाए गी
आग बुझे गी तो खाना नही पचे ग
और खाना नही पचा तो खाना पेट में सडे ग
और खाना सड़े ग तो पेट में गैस बने गी
और क्या होगा
जो पोषकतत्व शरीर में मिलने वाले थे वो नही मिले गे
फिर शुरू होगा बीमारियों का अम्ब्बार
जैसे
कब्ज
एसिडिटी
शुगर
बेड कोलेस्ट्रोल
यूरिक एसिड
बवासीर
लगभग 102 प्रकार की बीमारिया
अब आप सोचो हम तो रोज एसा ही करते है न
खाना खाने के तुरंत बाद ही गटा गट पानी पी जाते है
फिर क्या पेट में जो आग खाना पचाने वाली होती है वो बूझ जाती है और फिर खाना सड़े ग और बिमारिया होगी
अब एक गंभीर प्रश्न आप सभी से
जब हम को मालुम है की 102 प्रकार की बिमारी केवल पेट की गडबडी से ही होती है
तो फिर भी हम मुर्खता क्यू दिखा रहे है
खाना खाने के तुरंत बाद पानी पी कर ??????? ???????????????????????
कहने को तो आप ने इंजीनियरिंग पढ़ी ग्रेजुएशन पढ़ा फिर भी
मुर्खता क्यू ?
अब आप पूछे गे की जी आदत बन गई है बिना पानी पिए रहा नही जाता है क्या करे??????
चलिए इस का भी हल बता देता हूँ
सुभह भरपेट भोजन करो
नोट- आजकल ये अपवाद फेलाया जा रहा है की सुभह हल्का भोजन करना चाहिए
कभी न करे
सुभह का भोजन भरपेट और भारी हि ले आयुर्वेद के अनुसार
अब आप ने सुभह भोजन किया फिर पानी पीने का मन किया तो क्या करे ?
तो याद रखे सुभह भोजन के बाद यदि कुछ पीना ही है
तो किसी भी फल का रस पिए या कोई भी फल खा ले
फिर 90 मिनट बाद ही पानी पिए वो भी घुट घुट कर
इसके बारे में अगली पोस्ट में बताऊ की घुट घुट क्यू विस्तार में
अब बात करते है
दोपहर के भोजन की
दोपहर के भोजन हल्का करे और जब पानी पीने का मन करे तो दही या मट्टा छाछ पिए
फिर 90 मिनट बाद पानी पिए
रात्रि का भोजन और हल्का करे
और भोजन के बाद यदि कुछ पीना ही है तो देशी गाय का दूध पिए
(भेस और जर्सी का दूध न कभी पिए)
नोट - भोजन में कम मिर्च डाले ताकि न मिर्ची लगे न पानी पीने की जरुरत पड़े
ये तो हो गई खाने के बाद पानी न पीने की बात
अब
मुख्य बात कब्ज की
जब ये नियम पालन कर ले गे तो
@ कभी कब्ज नही होगा
@ एसिडिटी नही होगी
@ कोलेस्ट्राल नही बढे ग
@ सुगर नही होगा
@ यूरिक एसिड नही बढे ग
कुल मिला कर पेट की कोई भी समस्या नही होगी
एक बात और
सुभह उठ के 3 4 ग्लास पानी बेठ कर घुट घुट कर पिया करे
और 10 मिनट पैदल चले
पेट 2 मिनट में साफ़ हो जाए ग
बिना किसी दवा के
आज कल टीवी पे खूब लुभावने विज्ञापन दिखा रहे हो लेकिन कब्ज ही न हो ये बात नही बताते
इस लिए आप सभी से हाथ जोड़ कर निवेदन है
बिना किसी बहाने के खाना खाने के बाद पानी पीना बंद कर दे
आप खुद फर्क महसूस करे गे
नोट- जो उपर क्रम में मैंने बताया है बिलकुल उसी क्रम में
जूस - सुभह के खाने के बाद
दही छाछ- दोपहर में खाने के बाद
और
दूध पिए - रात्रि में खाने के बाद ही पिए
उल्टा न करे
ये पोस्ट राजीव दिक्षित जी ज्ञान से है
मित्रो जैसा की आप सभी जानते है ज्यादातर बीमारियों का कारण पेट की खराबी से जुडा हुआ है
तो क्यू न हम अपना पेट ही सही कर ले और सभी बीमारियों से बच सके
आइये जाने कुछ मुख्य बिमारी के नाम जो पेट की गडबडी से होती है
@ बवासीर
@ यूरिक एसिड का बढ़ना
@ मधुमय (शुगर) का बढ़ना
@ बेड कोलेस्ट्राल का बढना
@ ट्राईगिल्सराइड का बढ़ना
@ टोंसिल मुंह के छाले का होना
@ कब्ज होना
@ एसिडिटी होना
आदि
उपरोक्त सभी मुख्य बीमारियों के होने का कारण पेट की गडबडी से जुडा है
आइये आप को बहुत सरल भाषा में समझा देता हूँ
जब आप के मुहँ में छाले होते है डॉ साहब सबसे पहले एक ही प्र्शन करते है क्या आप का पेट साफ़ हो रहा है ?
एसे ही कोई भी बिमारी ले कर जाइये डॉ साहब के पास तो वो सबसे पहले ये ही पूछे ग पेट साफ़ रहता है कब्ज तो नही रहती आदि आदि
अब आप के मन में प्रशन उठे ग की ये तो बात बराबर है लेकिन ये पेट साफ़ हो कैसे ?
कैसे ये कब्ज ठीक रहे ?
ये कब्ज होता क्यू है ?
हम तो घर का खाना खा रहे है फिर भी पेट गडबड है आखिर क्यू ?
आइये आप को राजीव दिक्षित जी जो मेरे यानी अंकुर मौर्य के आदर्श है उनके द्वारा बताए गए सरल भाषा में समझा देता हूँ
मित्रो पेट की गडबडी से सब बिमारिया होती है आप भी जानते हो और मै भी
तो फिर क्यू न पेट को ही ठीक कर ले दुनिया भर की दवाए खाने से निजात मिल जाए गी
अब बात करते है पेट क्यू और कैसे ख़राब होता है ?
हम ने खाना खाया खाना पेट में गया (आमाशय में लेकिन मोटी भाषा में समझा रहा हूँ इस लिए विज्ञानिक टर्म पे न जाए )
अब खाना पेट में जा कर पचे ग या पके ग
कैसे ?
जब भी हम कुछ खाते है तो पेट में पहुचते ही हमारे पेट में अपने आप एक अग्नि जलने लगती है जिसे हम जठर अग्नि के नाम से जानते है
अब आप सभी से मेरा एक प्रश्न है
कृपा बताए यदि खिचड़ी को पकाना है तो क्या किया जाए ?
खिचड़ी को बर्तन में डाल कर अग्नि के उपर रखना पड़े ग तभी खिचड़ी पके गी न ?
या और कोई तरीका है ?
अब यदि खिचड़ी के नीचे जो अग्नि जल रही है उस पे हम दना दन पानी डाल दे तो क्या होगा ?
अग्नि बूझ जाए गी न ?
और यदि अग्नि बुझ गई तो क्या खिचड़ी पके गी?
नही न
और जब खिचड़ी पके गी नही तो बर्तन में सड़े गी
अब जरा ध्यान दे
ठीक इसी प्रकार की कहानी हमारे पेट की है
जब हम खाना खाते है तो पेट में खाना जाते ही पेट में अपने आप अग्नि जलने लगती है
और ये ही अग्नि जिसे जठर अग्नि कहते है खाना पचाने का कार्य करती है
इस खाना को पचने में 90 मिनट का समय लगता है
अब यदि हम खाना खाने के तुरंत बाद पानी पी ले गे तो जो आग पेट में जल रही है खाने को पचाने के लिए वो आग बुझ जाए गी
आग बुझे गी तो खाना नही पचे ग
और खाना नही पचा तो खाना पेट में सडे ग
और खाना सड़े ग तो पेट में गैस बने गी
और क्या होगा
जो पोषकतत्व शरीर में मिलने वाले थे वो नही मिले गे
फिर शुरू होगा बीमारियों का अम्ब्बार
जैसे
कब्ज
एसिडिटी
शुगर
बेड कोलेस्ट्रोल
यूरिक एसिड
बवासीर
लगभग 102 प्रकार की बीमारिया
अब आप सोचो हम तो रोज एसा ही करते है न
खाना खाने के तुरंत बाद ही गटा गट पानी पी जाते है
फिर क्या पेट में जो आग खाना पचाने वाली होती है वो बूझ जाती है और फिर खाना सड़े ग और बिमारिया होगी
अब एक गंभीर प्रश्न आप सभी से
जब हम को मालुम है की 102 प्रकार की बिमारी केवल पेट की गडबडी से ही होती है
तो फिर भी हम मुर्खता क्यू दिखा रहे है
खाना खाने के तुरंत बाद पानी पी कर ??????? ???????????????????????
कहने को तो आप ने इंजीनियरिंग पढ़ी ग्रेजुएशन पढ़ा फिर भी
मुर्खता क्यू ?
अब आप पूछे गे की जी आदत बन गई है बिना पानी पिए रहा नही जाता है क्या करे??????
चलिए इस का भी हल बता देता हूँ
सुभह भरपेट भोजन करो
नोट- आजकल ये अपवाद फेलाया जा रहा है की सुभह हल्का भोजन करना चाहिए
कभी न करे
सुभह का भोजन भरपेट और भारी हि ले आयुर्वेद के अनुसार
अब आप ने सुभह भोजन किया फिर पानी पीने का मन किया तो क्या करे ?
तो याद रखे सुभह भोजन के बाद यदि कुछ पीना ही है
तो किसी भी फल का रस पिए या कोई भी फल खा ले
फिर 90 मिनट बाद ही पानी पिए वो भी घुट घुट कर
इसके बारे में अगली पोस्ट में बताऊ की घुट घुट क्यू विस्तार में
अब बात करते है
दोपहर के भोजन की
दोपहर के भोजन हल्का करे और जब पानी पीने का मन करे तो दही या मट्टा छाछ पिए
फिर 90 मिनट बाद पानी पिए
रात्रि का भोजन और हल्का करे
और भोजन के बाद यदि कुछ पीना ही है तो देशी गाय का दूध पिए
(भेस और जर्सी का दूध न कभी पिए)
नोट - भोजन में कम मिर्च डाले ताकि न मिर्ची लगे न पानी पीने की जरुरत पड़े
ये तो हो गई खाने के बाद पानी न पीने की बात
अब
मुख्य बात कब्ज की
जब ये नियम पालन कर ले गे तो
@ कभी कब्ज नही होगा
@ एसिडिटी नही होगी
@ कोलेस्ट्राल नही बढे ग
@ सुगर नही होगा
@ यूरिक एसिड नही बढे ग
कुल मिला कर पेट की कोई भी समस्या नही होगी
एक बात और
सुभह उठ के 3 4 ग्लास पानी बेठ कर घुट घुट कर पिया करे
और 10 मिनट पैदल चले
पेट 2 मिनट में साफ़ हो जाए ग
बिना किसी दवा के
आज कल टीवी पे खूब लुभावने विज्ञापन दिखा रहे हो लेकिन कब्ज ही न हो ये बात नही बताते
इस लिए आप सभी से हाथ जोड़ कर निवेदन है
बिना किसी बहाने के खाना खाने के बाद पानी पीना बंद कर दे
आप खुद फर्क महसूस करे गे
नोट- जो उपर क्रम में मैंने बताया है बिलकुल उसी क्रम में
जूस - सुभह के खाने के बाद
दही छाछ- दोपहर में खाने के बाद
और
दूध पिए - रात्रि में खाने के बाद ही पिए
उल्टा न करे
ये पोस्ट राजीव दिक्षित जी ज्ञान से है
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