सियाटिका उपचार
*साइटिका/ सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस (गृद्धसि रोग)*
वात बिगड़ने से पैदा होने वाला ये रोग बड़ा भयानक है, मरीज अपनी आदत के अनुसार पहले ऐलोपैथी डॉक्टर्स के पास रुपया और समय बर्बाद करता है,
ठीक होना संभव नही क्योंकि ऐलोपैथी में इस रोग का कोई इलाज ही नही है।
थक हार कर वो आयुर्वेद की शरण में आता है और जादू की उम्मीद करता है।
*उपचार:*
हरसिंगार की ताजी पत्तियां 125 ग्राम ले कर चटनी की तरह पीस कर 1 लीटर पानी में उबालें, जब आधा लीटर पानी बचे तब इसमें *125 मिलीग्राम* केसर पीस कर मिला दें। काढ़े को कांच की बोतल में भर कर रखें, 30 ml दवा सुबह शाम भोजन से पहले देनी है।
यह साइटिका रोग की *दिव्य दवा* है।
जिन मरीजों को रोग के प्रारंभ होते ही दे दी जाए उन्हें 15 दिन में पूर्ण आराम आ जाता है,
ऐलोपैथी के बिगड़े हुए केस में 60 दिनों में मरीज पूर्ण स्वस्थ हो जाता है।
*परहेज:*
खटाई, मिठाई, मसालेदार तीखा भोजन, फ़ास्ट फ़ूड, कोल्ड्रिंक, मैदा या बेसन के पकवान, भिंडी, बैगन, उडद दाल से परहेज रखना होगा।
वात बिगड़ने से पैदा होने वाला ये रोग बड़ा भयानक है, मरीज अपनी आदत के अनुसार पहले ऐलोपैथी डॉक्टर्स के पास रुपया और समय बर्बाद करता है,
ठीक होना संभव नही क्योंकि ऐलोपैथी में इस रोग का कोई इलाज ही नही है।
थक हार कर वो आयुर्वेद की शरण में आता है और जादू की उम्मीद करता है।
*उपचार:*
हरसिंगार की ताजी पत्तियां 125 ग्राम ले कर चटनी की तरह पीस कर 1 लीटर पानी में उबालें, जब आधा लीटर पानी बचे तब इसमें *125 मिलीग्राम* केसर पीस कर मिला दें। काढ़े को कांच की बोतल में भर कर रखें, 30 ml दवा सुबह शाम भोजन से पहले देनी है।
यह साइटिका रोग की *दिव्य दवा* है।
जिन मरीजों को रोग के प्रारंभ होते ही दे दी जाए उन्हें 15 दिन में पूर्ण आराम आ जाता है,
ऐलोपैथी के बिगड़े हुए केस में 60 दिनों में मरीज पूर्ण स्वस्थ हो जाता है।
*परहेज:*
खटाई, मिठाई, मसालेदार तीखा भोजन, फ़ास्ट फ़ूड, कोल्ड्रिंक, मैदा या बेसन के पकवान, भिंडी, बैगन, उडद दाल से परहेज रखना होगा।

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